Saturday, December 15, 2012

ये कैसा वक़्त हैं दोस्तों



ये कैसा वक़्त हैं दोस्तों
कुछ दोस्त रह गए
कुछ चले गए दोस्तों
काफिले बनते रहे
काफिले 
बिगड़ते गए दोस्तों
खुल कर 
हँस भी नहीं सके
कि रोने लगे दोस्तों
हम भी कब तक रहेंगे
पता नहीं दोस्तों
हमारे जाने के बाद
रोना नहीं दोस्तों
हँसते हुए हमारे जैसे ही
दोस्तों के काफिले
बनाते रहना दोस्तों
961-80-15-12-2012
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