Tuesday, December 11, 2012

जब आस ख़त्म हो जाती


जब आस 
ख़त्म हो जाती
दिल टूट जाता है
मन दुखी रहता है
आसूं सूख जाते हैं
ज़िन्दगी दोजख
लगती है
जीना मौत से भी
दुश्वार लगता है
927-45-12-12-2012
शायरी,आस,दुश्वार

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