Friday, December 7, 2012

उसके सोच से सोचना



वो निरंतर
कहती थी मुझसे
तुम भी वैसे ही सोचो
जैसे मैं सोचती हूँ 
दुनिया की बुराइयों के
रंग ही मत देखा करो
प्यार स्नेह के रंगों को भी
देखा करो
बार बार की मनुहार से
थक हार कर
वैसे ही सोचने लगा
जैसा वो चाहती थी
सोच बदलने लगा
सुखद आभास होने लगा
मुझ पर भी प्यार का रंग
चढ़ने लगा
भावों में बह कर एक दिन
उसका हाथ मांग लिया
अपने प्यार का इज़हार
कर दिया
उसके सोच से सोचना
जीने का तरीका
 बन गया
904-22-07-12-2012
सोच,भाव,प्रेम,

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