Wednesday, December 5, 2012

भूत भविष्य के सोच में



बचपन में
बचपन को कोसता था
स्कूल जाना
परीक्षा देना अच्छा नहीं
लगता था
केवल खाना खेलना
भाता था
जवानी में काम करना
जिम्मेदारियां निभाना
दुरूह लगता था
बचपन याद आता था
अब बुढापे में अलमस्त
जवानी याद आती है
बुढापा काटना को
दौड़ता है
क्यों ऐसा होता है
इंसान अपने वर्तमान से
खुश नहीं रहता
भूत भविष्य के सोच में
डूबा रहता है
898-16-05-12-2012
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