Tuesday, December 11, 2012

जब तुम्हारी याद सताती है



जब तुम्हारी
याद सताती है
ज़ज्बातों की नदी
उफन कर
बहने लगती है
मन के पहाड़ों की बर्फ
पिघलने लगती है
हसरतों के रेगिस्तान में
आंधी चलने लगती है
आँखें नम होने लगती हैं
ज़िन्दगी
बोझ लगने लगती है
931-50-12-12-2012
शायरी,याद,यादें,हसरत,ज़ज्बात

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