Wednesday, December 5, 2012

हँसते हँसते मारा था तीर मोहब्बत का



हँसते हँसते मारा था
तीर मोहब्बत का
सीधा निशाने पर लगा
हमारा तो दिल छिद गया
उनका शौक़ पूरा हुआ
जो खाता था
कसम साथ निभाने की
वही कातिल साबित हुआ
हमें भी क्या पता था
हँसते चेहरे के पीछे
शैतान छुपा हुआ था
899-17-05-12-2012
मोहब्बत ,प्यार,शौक़,दिल, शायरी

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