Saturday, December 15, 2012

प्रश्नों में उलझने की जगह



वही नभ वही धरती
वही समुद्र वही प्रकृति
फिर रात काली
दिन उजला क्यों होता है
क्यों सूर्य दिन को
चाँद रात को चमकता है
प्रश्न तो इतने हैं
सोचो जितने कम हैं
फिर क्यों इंसान
खोज में लगा रहता है
हर प्रश्न का उत्तर ढूंढता है
जिज्ञासा में निरंतर
विचलित रहता  है
कितना अच्छा हो अगर
खोज की जगह
जो भी मिला उसे जीवन में
उसका सम्मान करे
प्रश्नों में उलझने की जगह
सोच को स्वच्छ करे
केवल मानव कल्याण
के लिए कार्य करे 
960-79-15-12-2012
प्रश्न,जीवन,सोच,स्वच्छ

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