Wednesday, December 5, 2012

जिसने भी स्नेह से गले लगाया



जिसने भी
स्नेह से गले लगाया
मुझे जीवन दर्शन
समझाया
विपत्ति में साथ निभाया
समय से लड़ना सिखाया
हर पल अपने साथ पाया
साथ रोया साथ हंसा
उसे ही
माँ का रूप समझा मैंने
उसे ही नमन किया मैंने
901-19-05-12-2012
माँ,स्नेह

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