Wednesday, December 19, 2012

तेरे बगैर



आँखों के सामने
बोतल भरी शराब की
पीने का मन नहीं करता
खूबसूरत फूल खिले हैं
घर के बगीचे में
देखने का मन नहीं करता
हमें हाँसिल हैं
हर तरह की खुशहालियाँ
मगर तेरे बगैर जीने का
मन नहीं करता
972-91-19-12-2012
शायरी ,तेरे बगैर, मोहब्बत

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