Wednesday, December 5, 2012

हमने सर पर चढ़ाया तुमको



हमने सर पर चढ़ाया
तुमको
गिरते से उठाया तुमको
तुम समझने लगे
तुम काबिल
हम नाकाबिल हो गए
खुद को हम से भी ऊपर
समझने लगे
गरूर इतना छा गया
ज़हन में
खुद को खुदा समझने लगे
भूल गए
जब भी उतरोगे ज़मीन
पर कभी
सहारे के लिए कंधा तो दूर
कोई झांकेगा भी नही
897-15-05-12-2012
काबिल,नाकाबिल,घमंड,गरूर

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