Thursday, December 1, 2011

अब आँसू बहाना छोड़ दो


अब आँसू बहाना
छोड़ दो
हँस कर जीना सीख लो
जो हो गया उसे भूलो
नयी हिम्मत होंसले से
आगे बढ़ो
सपने बहुत देखे तुमने
कितने टूटे कितने पूरे हुए
ये भी खुद से पूछ लो
बहुत चिल्लाए ,बहुत रोये
कितनों ने सुना तुम्हें
अब तक ?
क्यों सोचते हो
सब तुम्हारी तरह सोचें ?
जो तुम चाहते वही करें
सामंजस्य बिठाना
जान  लो
सब के साथ चलना
सीख लो
समय रहते सोच को
बदल डालों
बाद में पछताना ना पड़े
इस पर भी विचार कर लो 
नए सोच से जीवन
प्रारम्भ करो
अब आँसू बहाना छोड़ दो
निरंतर
हँस कर जीना सीख लो
01-12-2011
1834-99-11-11

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