Thursday, December 15, 2011

ना कब्र खुदी ना कफ़न में लपेटा गया

ना खून  निकला
ना जान निकली
ना कब्र खुदी
ना कफ़न में लपेटा
गया
फिर भी जीते जी
मर गया
मोहब्बत में धोखा
खाया
ग़मों के बोझ तले
दब गया
ना काम का रहा
ना काज का  रहा
गुमसुम ज़िन्दगी
काटता रहा

15-12-2011
1863-31-12

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