Saturday, December 10, 2011

गुजरे वक़्त का जब भी ख्याल आये


वक़्त का जब भी
ख्याल आये
उजड़े चमन में बहार
आये
सूखे लबों पे मुस्कान
छाये
यादों में खो जाऊं
दर्द सारे भूल जाऊं
हसरतों की दुनिया में
लौट जाऊं
ज़िंदा रहने की 
ख्वाइश करने लगूं
10-12-2011
1851-19-12

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