Thursday, December 22, 2011

कविता का अर्थ


उसने
कविता लिखना
प्रारम्भ किया
कविताओं का चर्चा
शहर में होने लगा 
आम आदमी को
कविताओं में कही
बातों का
अर्थ समझ आने लगा
वो स्वयं को सफल
कवी समझने लगा
निरंतर बिना रुके
कवितायें लिखने लगा
एक दिन
साहित्य से जुड़े
बुजुर्ग मित्र ने कविताओं में
निखार लाने के लिए 
नामचीन कवियों की
कविताओं को पढने का
परामर्श दिया 
उसने कविताओं को
अलंकरणों,छंदों,एवं शुद्ध
साहित्यिक शब्दों से
सुसज्जित पाया
समझने के लिए
मष्तिष्क पर
जोर डालता रहा
शब्द कोष छानता रहा
आम भाषा में लिखने
वाले को
कविता का अर्थ समझ
आ गया
सर पर मानों घड़ों
पानी पड़ गया
कबीर,रहीम को लोग
अब तक
क्यों याद करते हैं ?
जानने के लिए सर
खुजाने लगा
21-12-2011
1878-46-12

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