कुछ फूल
मेरे बगीचे में भी
खिल जाए
काटों के बीच कुछ
महक भी मिल जाए
ना जाने क्यूं
हर पेड़ सूख जाता
मेरे हाथों में
लाख कोशिश करूँ
जिलाने की
कामयाबी फिर भी
हाथ ना आए
उमीदें भी थक गयी
दिलासा देते देते
कुछ तो ऐसा हो जाए
चेहरे पर फिर से
मुस्कान आ जाए
कुछ फूल
मेरे बगीचे में भी
खिल जाए
27-12-2011
1897-65-12
No comments:
Post a Comment