Tuesday, December 20, 2011

गरीब निरंतर गरीब ही रहा


नव वर्ष आया
बोनस मिला
तनखा बढ़ गयी
महंगाई भी बढ़ गयी
खुशी में जश्न मनाया
पुराना उधार चुकाया
एक चौथाई खर्च
हो गया
महीना मार्च का आया
होली का त्यौहार आया
कपड़ों को रंगों में
भिगोया
छोटा लड़का पानी में
भीग कर बीमार
हो गया
एक चौथाई और खर्च
हो गया
महीना जून का आया
बच्चों को घुमाया
फिराया
स्कूल खुलने का
समय आया
फीस,और ड्रेस में
एक चौथाई और खर्च
हो गया
अक्टूबर का महीना आया
बहन का विवाह हुआ
बचा एक चौथाई उसमें
खर्च हो गया
नवम्बर में
दीपावली का त्यौहार आया
मिठाई ,पटाखों
नए कपड़ों ने मन
ललचाया
उधार लेकर काम
चलाया
किसी तरह रूखा सूखा
खाकर
काम चलाता रहा
नव वर्ष का इंतज़ार
करता रहा
गरीब निरंतर गरीब
ही रहा
20-12-2011
1876-44-12

No comments: