चेहरा दिखाकर छुप जाते हैं लोग
जब भी चाहते भूल जाते हैं लोग
दिल लगाने को बातें करते हैं लोग
हँसा हँसा कर फिर रुलाते हैं लोग
ना जाने कौन सा बदला लेते हैं लोग
हसीं ख्वाब दिखा कर तोड़ते हैं लोग
यादों के लम्हे छोड़ जाते हैं लोग
निरंतर इंतज़ार में तडपाते हैं लोग
ग़मों का बोझ छोड़ जाते हैं लोग
जिला जिला कर मारते हैं लोग
18-12-2011
1868-36-12
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