Thursday, February 23, 2012

क्षणिकाएं -15

रोना हो
रोना हो
इंतज़ार करना हो
ख्वाब देखना हो
जागना हो
परेशाँ रहना हो
मोहब्बत कर लो
इश्वर
इश्वर
संतुष्ट होता तो
स्रष्टि की
रचना नहीं करता
आँख मिचोली
पहले दिन फिर रात
फिर दिन फिर रात
आँख मिचोली चलती
रहती
आसान-मुश्किल
जो आसान नहीं
वो मुश्किल
जो मुश्किल नहीं
वो आसान
एक के लिए मुश्किल
   दूसरे के लिए आसान 
राजनीति
किसी तरह राज
मिल जाए
फिर कभी ना जाए
खुशी -उदासी
खुशी दूर होती
तो उदासी
उदासी दूर होती
तो खुशी
धन
धन ही बुद्धी
धन ही खुशी
धन ज़िन्दगी
धन वालों की
धन अर्जन
ख्वाइश
हर इंसान की
23-02-2012
230-141-02-12

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