Monday, February 27, 2012

आंटी या अम्माजी (हास्य कविता)

हमने उन्हें बहन
कह दिया
वो नाराज़ हो गए
कहने लगे
बहन नहीं कुछ और कहो
हमने समझा हमें
चाहने लगे हैं
हमने जाने मन कह दिया
उन्होंने ज़न्नाटेदार थप्पड़
हमारे गाल पर जड़ दिया
आग बबूला हो कर
कहने लगे
तुम्हारा माँ की उम्र की हूँ
हमने तो सोचा था
आंटी या अम्माजी
कहोगे
27-02-2012
255-166-02-12

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