निरंतर कुछ सोचता रहे,कुछ करता रहे,कलम के जरिए बात अपने कहता रहे.... (सर्वाधिकार सुरक्षित) ,किसी की भावनाओं को ठेस पहुचाने का कोई प्रयोजन नहीं है,फिर भी किसी की भावनाओं को ठेस पहुंचे तो क्षमा प्रार्थी हूँ )
"ऐसा लिखना पढ़नाकिस काम काना जोड़ सके कोईअपने जीवन सेना काम किसीके आए"sahi kaha aapne....
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"ऐसा लिखना पढ़ना
किस काम का
ना जोड़ सके कोई
अपने जीवन से
ना काम किसी
के आए"
sahi kaha aapne....
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