सूरज की तरह अस्त
हो जाओगे एक दिन तुम
उतर जाओगे
शिखर से धरती पर तुम
छुप जाओगे समय की
गहराइयों में एक दिन
क्यूं फिर
इतना घमंड रखते हो
बैर से जीते हो
इंसानों सा व्यवहार
नहीं करते हो तुम
क्यों भूल जाते हो
जीवन का सत्य
काल के गाल में समा
जाओगे एक दिन
हँस कर बात कर लो
सब को
बराबर समझो तुम
24-02-2012
236-147-02-12
1 comment:
उतर जाओगे
शिखर से धरती पर तुम
छुप जाओगे समय की
गहराइयों में एक दिन
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क्यों भूल जाते हो
जीवन का सत्य
काल के गाल में समा
जाओगे एक दिन
अंत तो सभी का यही होना है.....
फिर क्यूँ ये अभिमान...
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