बहुत दिन
बाद नज़र आयी
सुन्दर साड़ी पहनी
हुयी थी
हाथों में हीरे की चूड़ियाँ
चमचमा रही थी
हँस हँस कर लोगों से
बातें कर रही थी
चेहरे की चमक धुंधली
पड चुकी थी
सुर्ख लाल आँखें
कुछ और कहानी कह
रही थी
रात भर सोयी ना थी
दिल की
हकीकत बता रहीं थी
हमसे बेवफाई की
कीमत चुका रहीं थी
हमें देखा तो पास आयीं
सर झुका कर
नम आँखों से बोली
मुझे माफ़ कर दो
गलती मेरी ही थी
13-02-2012
162-73-02-12
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