खुदा से पूछता हूँ
क्यूं इतना नाराज़ मुझसे ?
उसे गम दे कर
मुझे भी तड़पाता है
उसके साथ मुझे भी
रुलाता है
क्यूं नहीं बक्श देता उसे
दे देता
सजायें उसके हिस्से की
मुझको ही सारी
वैसे ही सह रहा हूँ
कुछ और सह लूंगा
कम से कम उसको तो
खुश देख लूंगा
दर्द में भी सुकून
पा लूंगा
18-02-2012
186-97--02-12
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