ज़िन्दगी
किसकी रुकी है
जो मेरी रुकेगी
चाहे
जो मेरी रुकेगी
चाहे
घिसटते हुए चले
या कुलांचें
या कुलांचें
मारते हुए चले
ज़िन्दगी तो चलती
ज़िन्दगी तो चलती
रहेगी
चाहे हँसते हुए चले
चाहे रोते हुए चले
शांती पूर्वक चले
या व्यथित हो कर चले
फर्क इतना ही पडेगा
समय के साथ चमकती
आँखों से जायेगी
या समय से पहले
बुझी आँखों से
चाहे हँसते हुए चले
चाहे रोते हुए चले
शांती पूर्वक चले
या व्यथित हो कर चले
फर्क इतना ही पडेगा
समय के साथ चमकती
आँखों से जायेगी
या समय से पहले
बुझी आँखों से
जायेगी
25-02-2012
242-153-02-12
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