बरसों पहले
माँ से बिछड़े हुए
बालक का जब
अपनी माँ से
मिलना हुआ
तो उसकी सदा
दर्द में डूबी आँखों में
एक विजेती सी
चमक थी
मुरझाया हुआ चेहरा
दर्प में
विश्व विजेता सा
विश्व विजेता सा
मुस्कारा रहा था
बड़े रौब से माँ की
ऊंगली पकड़ कर
कुछ इस तरह चल
रहा था
मानों दुनिया को
कह रहा हो
दुनिया वालों
अब मेरे पास भी माँ है
उसका आशीर्वाद है
अब मुझे किसी बात की
चिंता नहीं है
21-02-2012
208-119-02-12
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