प्रभु कैसा
ये न्याय तुम्हारा
जो इतना सताते हो
कब चैन दोगे मुझको?
क्या और करूँ?
तुम्हारी कृपा पाने को
प्रयत्न बहुत किया
सफलता
फिर भी ना मिली
निरंतर
दिल में रखा तुम्हें
नित्य पूजा करी
हर काम वही करा
जो तुम्हें पसंद है
फिर भी
कृपा ना की तुमने
क्या त्रुटि हुयी मुझसे
इतना ही बता दो
क्या और करूँ?
तुम्हारी कृपा पाने को
इतना तो बता दो
23-02-2012
225-136-02-12
No comments:
Post a Comment