Monday, February 6, 2012

उनका मुस्काराना ....

उनका
हमारी तरफ देख कर
मुस्काराना
कुछ ऐसा अहसास दे गया
मानो किसी पेड़ के
धूल  से भरे पत्तों को
बरसात ने धो कर
फिर से चमका दिया
पत्ते जो पीले पड़ने वाले थे
उनमें जीने के लिए
नया जोश से भर दिया
अब कमी है तो सिर्फ
एक बात की
बस वो एक बार कह दें
उन्होंने
हमें अपना मान लिया
हमें भी कुछ ऐसा लगेगा
जैसे किसी पेड़ में
कभी फूल नहीं खिलते थे
वो फूलों से लद गया
उसकी महक से सारा
इलाका मस्त हो गया
06-02-2012
113-24-02-12

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