Wednesday, February 22, 2012

तुम याद रखो ना रखो




आँखों से 
दूर हो भी जाओगे
तो दिल से नहीं 
उतरोगे
इतने खुदगर्ज़ नहीं
भूल जायेंगे तुम्हें
हम इतने
बदतमीज तो नहीं
तहजीब ही भूल जाएँ
चाहा है तुम्हें दिल से
चाहते रहेंगे
इतने बेदिल भी नहीं
खुद अपने दिल से
खेलेंगे
तुम याद रखो 
ना रखो
वो अलग बात है
22-02-2012
217-128-02-12

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