Friday, February 3, 2012

तुम मेरे साथ हो....



तुम नजूमी हो या
हो कोई जादूगर
जो जान लेते हो
क्या चल रहा
मेरे जहन में
क्यों रो रहा दिल
मेरा
झट से ख्यालों में
आ जाते हो
मुझे समझाते हो
दिलासा देते हो
हिम्मत
बनाए रखने की
सलाह देते हो
सब्र का महत्त्व
बताते हो
कहीं मेरे 
दिल या मन का 
हिस्सा तो नहीं हो
जो बिना बताये
सब समझ जाते हो
जो भी हो ,
मेरे लिए किसी
फ़रिश्ते से कम नहीं हो
तुम वो हो
जिसका साथ
किसी खुश किस्मत
को ही मिल सकता
फिर समझ नहीं आता
क्यों कभी कभी
परेशां हो जाता ?
क्यों भूल जाता ?
तुम मेरे साथ हो....
03-02-2012
103-13-02-12

2 comments:

सदा said...

सब्र का महत्त्व
बताते हो
कहीं मेरे
दिल या मन का
हिस्सा तो नहीं हो
जो बिना बताये
सब समझ जाते हो
बहुत बढिया।

***Punam*** said...

तुम वो हो
जिसका साथ
किसी खुश किस्मत
को ही मिल सकता
फिर समझ नहीं आता
क्यों कभी कभी
परेशां हो जाता ?
क्यों भूल जाता ?
तुम मेरे साथ हो....

sab bhool jaayen ...
aur khush ho jaayen..bas...!!