Monday, February 13, 2012

यूँ ही नहीं याद करते लोग कबीर,रहीम को

यूँ ही नहीं
याद करते लोग
कबीर,रहीम को
लिखना है तो
वो बात लिखो
जो सब को समझ
आ जाए
पढ़ा नहीं साहित्य
जिसने
वो भी समझ जाए
ऐसा लिखना पढ़ना
किस काम का
ना जोड़ सके कोई
अपने जीवन से
ना काम किसी
के आए
13-02-2012
164-75-02-12

1 comment:

***Punam*** said...

"ऐसा लिखना पढ़ना
किस काम का
ना जोड़ सके कोई
अपने जीवन से
ना काम किसी
के आए"

sahi kaha aapne....