वही नर्म लहजा
वही मुस्कराकर
बात करना
हर बात पर
हाँ में हाँ मिलाना
तारीफ़ में कसीदे
पढ़ना
वो निरंतर ऐसे ही
करते थे
मीठी मीठी बातों से
अपना बनाते
मन भर जाता तो
छोड़ देते
लोग फंसते थे
कुछ अरसे बाद
रोते थे
किसी और को
फंसते देख
खुदा से दुआ
करते रहते थे
21-05-2011
904-111-05-11
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