वर्षा ऋतु का
आना
पानी की बौछारें
मंद हवा का बहना
पेड़ों के पत्त्तों का
धुलना
हर दिल में
मिलन इच्छा का
जगना
इंतज़ार पहले भी था
आज भी है
कोई आये साथ
वर्षा में नहाए
अठखेलियाँ करे
मिलने के खातिर
मौसम का इंतज़ार
ना कराए
निरंतर हर ऋतु
मिलन ऋतु हो जाए
17-05-2011
879-86-05-11
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