मैं सिर्फ
लिखने के लिए नहीं
लिखता
दिल की बात कह सकूं
जो जहन में है बता सकूं
हाल-ऐ-दिल सूना सकूं
जो जुबान से नहीं
कह सकता
उसे जरिया-ऐ-कलम
बता सकूं
अपनी खुशी बाँट सकूं
ग़मों को हल्का कर सकूं
हिम्मत और होंसला
बढ़ा सकूं
तनाव रहित जी सकूं
मन को अशांत ना
होने दूं
निरंतर कलम
चलाता हूँ
जो मन में आता
लिख देता हूँ
25-05-2011
927-234-05-11
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