उनके इंतज़ार में निरंतर
सुबह से रात बैठा रहा
उनका दीदार ना हुआ
चाँद भी गम में
बादलों में छुप गया
तारों को अकेला
छोड़ गया
आसमान खामोश है
सारा जहाँ अँधेरे में
डूब गया
दिल की मायूसी में
इजाफा कर गया
हसरतों की नाकामी का
डर सताने लगा
जहन ख्यालों से
भर गया
मोहब्बत में तड़पने का
मतलब समझ
आ गया
14-05-2011
858-65-05-11
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