Thursday, May 26, 2011

सूरत के चक्कर में,फंसे रहते हैं लोग


ख़ूबसूरती 
 बढाने के लिए
क्या नहीं
करते हैं लोग ?
सुबह-ओ-शाम
सूरत के चक्कर में
फंसे रहते हैं लोग
सीरत की
परवाह ना करते
भूल जाते सूरत सदा
इकसार ना रहती
वक़्त के साथ कम
होती जाती
झुर्रियां चेहरे को 
ढकती
इंसान की ख़ूबसूरती
सीरत से होती
उम्र के साथ सीरत
निरंतर  
निखरती जाती 
बच्चे से बूढ़े तक
सबको लुभाती
इंसान की पहचान
सीरत से होती
सूरत तो केवल भ्रम
पैदा करती 
26-05-2011
934-141-05-11
(सीरत=प्रकृति,स्वभाव,गुण)

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