तुम्ही बताओ क्या लिखूं ?
सत्य लिखूंगा
तो जीना कठिन होगा
बहुतों को नाराज़ करूंगा
अपनों से दूर हो जाऊंगा
नए दुश्मन बनाऊंगा
मिथ्या से मन पीड़ित
होगा
ह्रदय भी व्यथित होगा
क्षण क्षण वियोग का
होगा
निरंतर झंझावत में
फंसा हूँ
समझ नहीं आ रहा
क्या लिखूं
ना चाहते हुए भी चुप हूँ
तुम्ही बताओ क्या
लिखूं ?
12-05-2011
842-49-05-11
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