निरंतर कुछ सोचता रहे,कुछ करता रहे,कलम के जरिए बात अपने कहता रहे....
(सर्वाधिकार सुरक्षित) ,किसी की भावनाओं को ठेस पहुचाने का कोई प्रयोजन नहीं है,फिर भी किसी की भावनाओं को ठेस पहुंचे तो क्षमा प्रार्थी हूँ )
वो समझते ना मिलेंगे हमसे ना बोलेंगे हमसे तो हम उनसे मोहब्बत छोड़ देंगे गलत फहमी दूर कर लें वो हमारे इरादे निरंतर मज़बूत करते हैं हमारी चाहत बढाते हैं जितना दूर जाते उतना हमें लुभाते उनकी
No comments:
Post a Comment