उन्हें मालूम नहीं
हमने सिर्फ होश
खोया था
ये हकीकत उन्हें
ना बताना
उनकी खुशहाल
ज़िन्दगी में
आग ना लगाना
जिन्हें भूल गए
उसकी
याद ना दिलाना
वो समझते हम
दुनिया छोड़ गए
मजबूरी में
किसी और के हो गए
उन्हें मालूम नहीं
उनकी याद में
हम मर मर कर
जीते रहे
वो किसी और कब्र पर
फूल चढाते रहे
हम निरंतर छुप कर
उन्हें देखते रहे
20-05-2011
898-105-05-11
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