हाथों में हाथ
आँखों में आँखें
चेहरे उदास
अश्क बह रहे
होठ सिले हुए
लफ्ज
नहीं निकल रहे
दिल टूट गए
निरंतर खामोशी से
एक दूसरे को
देख रहे
मुलाक़ात का
आखिरी दौर था
अब जुदा होना था
फिर ना मिलना था
अलविदा कहना था
उसका रिश्ता
किसी और से हो
चुका था
शादी की रस्म को
निभाना था
दिखाना था
17-05-2011
877-84-05-11
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