मेरे पास
एक दिल है
एक मन भी है
मैं भी व्यथित
होता हूँ
निरंतर रोता हूँ
हंसता हूँ
कभी बहकता हूँ
आखिर तो इंसान हूँ
पहाड़ जितना
कठोर नहीं हूँ
किसी बात का कोई
असर नहीं हो
ऐसा संभव भी नहीं है
ना ही उसके जैसे
बिना भावनाओं के हूँ
दिए की लौ सा
टिमटिमाता हूँ
कभी कांपता हूँ
जब तक जीवन है
ज़िंदा हूँ
12-07-2011
1173-56-07-11
No comments:
Post a Comment