सूर्य की रोशनी निरंतर
चकाचोंध करती रही
हर रोशनी
उस के सामने फीकी
लगती रही
रात कभी ना भायी
उम्र के साथ सम्हल
गया हूँ
अब रात के अँधेरे की
शिकायत नहीं करता
मुझे पता है
अन्धेरा दिन पर दिन
बढेगा
एक दिन ऐसा आयेगा
जब केवल अन्धेरा
होगा
14-07-2011
1180-63-07-11
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