Monday, July 11, 2011

मोहब्बत की किश्ती को खेता रहा

मोहब्बत की 
किश्ती को खेता रहा
साहिल तक
पहुँचने की कोशिश
करता रहा
ना साहिल मिला
ना किश्ती रुकी
ना हिम्मत टूटी
ना ज़ज्बा कम हुआ
निरंतर मंझधार में
फँसा रहा
मोहब्बत के खातिर
कुर्बान हो गया
11-07-2011
1163-47-07-11

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