वो रुस्वां क्या हुयी
हर शख्श को खबर
हो गयी
शहर में चर्चा-ऐ-आम
हो गयी
कई आँखों की चमक
बढ़ गयी
मनचलों की हसरतें
जाग गयी
हर नज़र खामोशी से
वजह पूछ रही थी
कैसे बताता वो हमें
चाहती ही नहीं थी
वो तो सिर्फ
वक़्त गुजार रही थी
शौक -ऐ-मोहब्बत पूरा
कर रही थी
31-07-2011
1277-161-07-11
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