आवाम का माल
जब जेब में रखेंगे
चोरों को
क्या ख़ाक पकड़ेंगे
वोट के खातिर
मजहब की सियासत
करेंगे
आवाम का ख्याल
क्या ख़ाक रखेंगे
निरंतर गद्दारों को
जब माफ़ करेंगे
मुल्क का ख्याल
क्या ख़ाक रखेंगे
कातिल हो गए
फैसला
क्या ख़ाक करेंगे
गुनाहगार बाहर होंगे
बेगुनाह सज़ा पाते
रहेंगे
17-07-2011
1196-76-07-11
(मुंसिफ=फैसला करने वाला,सियासत =राजनीति ,आवाम =जनता)
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