मदहोश होता ?
लम्हा लम्हा उसे
याद करता
ग़मों को भूलने की
कोशिश करता
कामयाब अभी तक
हुआ नहीं
ना गम भूला ना
उसको भूला
हकीकत से वाकिफ
हो जा
जाने वाला लौट कर
आता नहीं
क्यूं ना उसको ही
भूल जाता ?
निरंतर जिसके खातिर
जाम भर भर पीता
मयखाना आबाद
करता
रोज़ रो रो कर
मरता
उसकी रूह को भी
दुखी करता
30-07-2011
1270-154-07-11
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