निरंतर कुछ सोचता रहे,कुछ करता रहे,कलम के जरिए बात अपने कहता रहे.... (सर्वाधिकार सुरक्षित) ,किसी की भावनाओं को ठेस पहुचाने का कोई प्रयोजन नहीं है,फिर भी किसी की भावनाओं को ठेस पहुंचे तो क्षमा प्रार्थी हूँ )
हर
हसरत गर
पूरी हो जाए
लोग खुदा को
भूल जाएँ
दिल को काबू में
रखना ज़रूरी
निरंतर
खूँ के घूट
पीना मजबूरी
बस में नहीं
जब कुछ
दुआ खुदा से
ज़रूरी
अरमान पूरे हो
ना हो
इंसान को
जीना भी ज़रूरी
24-07-2011
1221-101-07-11
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