छोड़ दो
बस खतों का जवाब
दे दिया करो
ज़ख्मों पर मरहम
ना लगाओ
देख कर मुस्करा
दिया करो
रिश्ता चाहे ना रखो
मेरे नाम पर आहें
भर लिया करो
मुलाक़ात चाहे ना करो
बस ख़्वाबों में दिख
जाया करो
नज्मों में ज़िक्र चाहे
ना करो
मेरी नज्में निरंतर
पढ़ लिया करो
चाहो याद ना करो
जब याद करूँ
हिचकी ले लिया करो
31-07-2011
1275-159-07-11
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