निरंतर कुछ सोचता रहे,कुछ करता रहे,कलम के जरिए बात अपने कहता रहे.... (सर्वाधिकार सुरक्षित) ,किसी की भावनाओं को ठेस पहुचाने का कोई प्रयोजन नहीं है,फिर भी किसी की भावनाओं को ठेस पहुंचे तो क्षमा प्रार्थी हूँ )
ना रोता हूँ
ना तड़पता हूँ
खामोश रहता हूँ
खुशी से सहता हूँ
खुदा से दुआ करता हूँ
उन्हें उनकी
इंसानियत लौटा दे
निरंतर सुकून से रहना
सिखा दे
नफरत से निजात
दिला दे
खुद खुशी से जिएँ
औरों को भी जीने दें
31-07-2011
1278-162-07-11
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