मूसलाधार वर्षा आये
खेतों में हरयाली छाये
सूखे खेत में खडा किसान
आशा से
निरंतर आकाश को
निहार रहा था
परमात्मा से प्रार्थना
कर रहा था
इस बार अवश्य सुनेगा
मन में विश्वाश था
फैसला जो भी होगा
सर झुका कर मानेगा
इस बार नहीं सुना
तो अगली बार सुनेगा
आस्था का सवाल था
परमात्मा में आस्था
उसका
जीवन आधार था
खेतों में हरयाली छाये
सूखे खेत में खडा किसान
आशा से
निरंतर आकाश को
निहार रहा था
परमात्मा से प्रार्थना
कर रहा था
इस बार अवश्य सुनेगा
मन में विश्वाश था
फैसला जो भी होगा
सर झुका कर मानेगा
इस बार नहीं सुना
तो अगली बार सुनेगा
आस्था का सवाल था
परमात्मा में आस्था
उसका
जीवन आधार था
15-07-2011
1186-69-07-11
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