बरसों बाद मिला था
किसी के साथ था
कैसे पूछता ?
साथ कौन था
अंदाज़ से समझ गया
नया आशिक था
देख कर मुस्कराया
यही क्या कम था
मैं उसे याद था
उसके अंदाज़ ने
निरंतर लुभाया
दिल में इक शोला
भड़काया
आज फिर दिल में
यादों का दिया
जलाया
मुझे बरसों पीछे
लौटाया
इक इक लम्हा याद
कराया
समझता था मुझे
भूल गया होगा
वक़्त के साथ
बदल गया होगा
ख्याल गलत था
वो अब भी
ज़ज्बातों का फायदा
उठा रहा था
आज भी दिलों से
खेल रहा था
22-07-2011
1215-95-07-11
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